tag:blogger.com,1999:blog-1082671218814482868.post927852540504268825..comments2024-03-06T00:34:13.109+05:30Comments on Rohitas Ghorela: शून्य पार Rohitas Ghorelahttp://www.blogger.com/profile/02550123629120698541noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-1082671218814482868.post-69516142496613379302019-10-02T23:32:03.541+05:302019-10-02T23:32:03.541+05:30प्रिय रोहितास , अगर आज मैं कहूं इतने गहरे भावों...प्रिय रोहितास , अगर आज मैं कहूं इतने गहरे भावों को मैं समझ पा रही हूँ पर उन पर लिखना संभव नहीं हो रहा , तो अतिशयोक्ति ना होगी | एक जीना जो मरने की प्रक्रिया भर है , एक सफर जो तय ना हो , एक कली जो खिलने की प्रक्रिया में ही रहे -- खिले ना -- एक ताजगी जो अमिट हो -- एक दर्द जिसमें आराम ना हो -- डर ऐसा हो जो लगता ही रहे -- ये गहरे भाव एक मनमुग्ध कवि का नूतन जीवन दर्शन है | हो सकता है - चाहते सभी हों और जानते भी सब हों - पर कह पाने में सभी असमर्थ भी हों | सच है एक अधूरापन जब तक रहता है कितनी आशाएं भीतर जीवित रहती हैं , सम्पूर्णता कहीं ना कहीं जीवन के रंगों को फ़ीका तो कर ही देती है | बहुत -- बहुत प्यारी और अपनी ही तरह की अलग सी रचना के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनायें | ये निराला जीवन दर्शन बेजोड़ है | हार्दिक स्नेह के साथ -- रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1082671218814482868.post-78249691565758367432019-10-02T07:33:02.580+05:302019-10-02T07:33:02.580+05:30बहुत सुंदर रचना के लिए आपको बधाई। मेरे ब्लॉग पर भी...बहुत सुंदर रचना के लिए आपको बधाई। मेरे ब्लॉग पर भी पधारें।<br />iwillrocknow.comNitish Tiwaryhttps://www.blogger.com/profile/06484230743667707116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1082671218814482868.post-79240940081509583772019-10-01T22:31:23.991+05:302019-10-01T22:31:23.991+05:30बड़ी गहरी दार्शनिक बातें कहते हो रोहितास जी, हम ठहर...बड़ी गहरी दार्शनिक बातें कहते हो रोहितास जी, हम ठहरे सांसारिक प्राणी - नोन-तेल-लकड़ी की फ़िक्र करने वाले और नेताओं का ज़िक्र करने वाले. <br />फिर भी आपकी रचना अच्छी लगी, लिखते रहिए. गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1082671218814482868.post-88216433502022080282019-10-01T19:24:18.409+05:302019-10-01T19:24:18.409+05:30वाह लाजवाब, बहुत गहरी प्रस्तुति , विसंगतियों के सि...वाह लाजवाब, बहुत गहरी प्रस्तुति , विसंगतियों के सिवा और क्या है जीवन, बस एक जीजीविषा, अंत हीन सफर की ।<br />अनुपम अभिव्यक्ति।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1082671218814482868.post-20865205874319805292019-10-01T17:37:33.469+05:302019-10-01T17:37:33.469+05:30वाह ! बहुत ही उत्कृष्ट रचना !
जहां क्रियाओं का दो...वाह ! बहुत ही उत्कृष्ट रचना ! <br />जहां क्रियाओं का दोहराव न हो<br />एक दर्द जिसमें आराम ना हो<br />इजहार के बाद चैन ना हो<br />डर ऐसा हो जो लगता रहे,<br />जीतने वाले ही रहें, जीत ना हो-<br />वो मुख़्तसर सा लम्हा बना ही रहे,<br />बदलाव बन न पाए<br />ताज़गी अमिट हो.<br />शबनम हो जो सूखने से रहे<br />ठुलने से न जाये।<br />सारी कायनात को जैसे रोक कर फ्रीज़ कर दिया आपने ! काश ऐसा कोई लम्हा सच में आ जाए ! बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति ! बधाई स्वीकार करें ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1082671218814482868.post-83280196456376397862019-10-01T16:58:27.681+05:302019-10-01T16:58:27.681+05:30बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, बधाई बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, बधाई Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1082671218814482868.post-22848480438360941962019-10-01T16:07:14.809+05:302019-10-01T16:07:14.809+05:30ये बात शून्य की है
बस शून्य हो जाना
शून्य भी ऐसा ...ये बात शून्य की है <br />बस शून्य हो जाना<br />शून्य भी ऐसा कि अथाह शून्य <br />यही तो मौलिकता है।<br />यही तो है जीवन दर्शन ...गहन भावों के साथ अध्यात्म का बेजोड़ संगम लिए अति उत्तम सृजन ।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1082671218814482868.post-24226421357196847602019-10-01T14:35:07.425+05:302019-10-01T14:35:07.425+05:30बहुत सुंदर संकलनबहुत सुंदर संकलनSUJATA PRIYEhttps://www.blogger.com/profile/04317190675625593228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1082671218814482868.post-2083663071605322412019-10-01T09:53:43.422+05:302019-10-01T09:53:43.422+05:30ये बात शून्य की है
बस शून्य हो जाना
शून्य भी ऐसा ...ये बात शून्य की है <br />बस शून्य हो जाना<br />शून्य भी ऐसा कि अथाह शून्य <br />यही तो मौलिकता है।<br />जहां से सवाल उठता है<br />मुखौटे के वजूद का<br />और उत्तर का कोई छोर नहीं।<br /><br /><br />आध्यात्म की परतों को खोलती कविता मर्म की गहराईयों में उतरने में सक्षम है.... साधुवाद !Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1082671218814482868.post-69936124754171779162019-09-30T12:01:34.263+05:302019-09-30T12:01:34.263+05:30"इजहार के बाद चैन ना हो
डर ऐसा हो जो लगता रहे..."इजहार के बाद चैन ना हो<br />डर ऐसा हो जो लगता रहे,"<br />पूरी रचना दर्शन और विज्ञान का आईना, निर्गुण-भाव का भान कराती, सारी गूढ़ पंक्तियाँ कई लोगों ने इंगित किये जो काफी गाढ़ी हैं, उनमे ये पंक्ति भी ध्यान खींचती है ... अलग सोच- अलग बिम्ब ...Subodh Sinhahttps://www.blogger.com/profile/05196073804127918337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1082671218814482868.post-67735789169652598832019-09-30T09:51:32.189+05:302019-09-30T09:51:32.189+05:30वाह!!रोहिताश जी ,बहुत गंभीर भावों से भरी है आपकी र...वाह!!रोहिताश जी ,बहुत गंभीर भावों से भरी है आपकी रचना जीवन दर्शन से साक्षात्कार कराती हुई !शुभा https://www.blogger.com/profile/09383843607690342317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1082671218814482868.post-73401221140132755632019-09-30T09:31:58.626+05:302019-09-30T09:31:58.626+05:30ये बात शून्य की है
बस शून्य हो जाना
बहुत ही बेहतर...ये बात शून्य की है <br />बस शून्य हो जाना<br />बहुत ही बेहतरीन रचनाAnuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1082671218814482868.post-52383541008772930442019-09-30T08:50:31.111+05:302019-09-30T08:50:31.111+05:30सच ही उत्तर का कोई छोर नहीं ... क्योंकि उत्तर भी त...सच ही उत्तर का कोई छोर नहीं ... क्योंकि उत्तर भी तो शून्य है ...<br />जहाँ से माया उपजती है वहीँ उसका अंत भी है ... यही शून्य है ... यही बिंदु है जहाँ सब एकाकार हैं ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1082671218814482868.post-24733694833079298202019-09-29T16:28:27.134+05:302019-09-29T16:28:27.134+05:30वाह ! गहन दार्शनिकता का पुट लिए सुंदर रचना..वाह ! गहन दार्शनिकता का पुट लिए सुंदर रचना..Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1082671218814482868.post-14753337185823707662019-09-29T08:38:12.489+05:302019-09-29T08:38:12.489+05:30बहुत खूब.बहुत खूब.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1082671218814482868.post-47291018851863333722019-09-28T13:24:12.467+05:302019-09-28T13:24:12.467+05:30बहुत सुंदर गहरे भाव व्यक्त करती रचना ,सादर बहुत सुंदर गहरे भाव व्यक्त करती रचना ,सादर Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1082671218814482868.post-30626837460765994442019-09-28T12:12:46.112+05:302019-09-28T12:12:46.112+05:30जितना उग चुके हैं
उतना ही पतझड़ में
झड़ना चाहते हैं
...जितना उग चुके हैं<br />उतना ही पतझड़ में<br />झड़ना चाहते हैं<br /><br /><br />:)<br /><br />hmmmmm...man ko rok liya in panktiyon ne...<br /><br />bahut hi sehaj bhaaw se gehe bhaaw likh diye...<br /><br />bdhaayi swikaare<br /><br /><br />VenuS "ज़ोया"https://www.blogger.com/profile/03536990933468056653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1082671218814482868.post-16366257246538119772019-09-28T10:33:29.885+05:302019-09-28T10:33:29.885+05:30वाह क्या बात हैं साहब।
बहुत दार्शनिक सफर पे निकल च...वाह क्या बात हैं साहब।<br />बहुत दार्शनिक सफर पे निकल चले है इसको पढ़ते पढ़ते।<br />कई बार सोचा समझा तब कुछ जान समझ पा रहा हूँ।बहुत ही उम्दा दर्ज़े की कविता हैं।आपकी रचनाये परिपक्वता के परवान चढ़ छुटी है।कुछ पंक्तिया जैसे-<br />जिसे जीना समझे हैं हम <br />महज मरने की प्रक्रिया थी<br />और<br /><br />जहां क्रियाओं का दोहराव न हो<br />एक दर्द जिसमें आराम ना हो<br /><br />ये पक्तियां तो जैसे बहुत ही गहरी बात लिये हो।<br />आपको इस बेहतरीन रचना के लिये बधाई और हमको रूबरू करवाने के लिये आभार।<br />dr.sunil k. "Zafar "https://www.blogger.com/profile/13096911048421117572noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1082671218814482868.post-16447632629102564492019-09-27T16:17:27.130+05:302019-09-27T16:17:27.130+05:30जी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल ...जी नमस्ते,<br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (28-09-2019) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow">" आज जन्मदिन पर भगत के " (चर्चा अंक- 3472) </a> पर भी होगी।<br /><br /><br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />आप भी सादर आमंत्रित है <br />….<br />अनीता सैनीअनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.com