Sunday, 23 October 2016

रू-ब-रू

दिल जो  जलेगा जिन्दगी भर
इच्छाएं रह जाएगी आँखों में
गूगल इमेज से प्राप्त
खून खोलेगा मजबूरियों पर
दर्द में होगा बदन, और
होकर वास्तविकता से रूबरू
होगा इस सफर का अंत.

मगर देखेंगे कुछ लालची लोग 
सदियों बाद कि
कोनसा खजाना दफन है यहाँ
मिलेगा उनको उनका भविष्य
मिलेंगी अस्थियाँ मेरी
बिना दिल के
बिन आँखों की
बगैर खून के
खोखलेपन के साथ
सोचेंगे, कोई इंसान रहा होगा कभी
मौजूदा हालात में जो हैवान है.