पुरानी डायरी से कुछ पंक्तियाँ:
१
एक डायरी लिखने का शौक था
पन्ने दर पन्ने तुझे मुकम्मल करना था
तू जाती रही
सब जाता रहा
हम जो रहेंगे झुंझलाहट लिए,
हम जो हैं गुजरे लम्हों के ख़ाका मात्र,
हम जो हैं लबों में कुलबुलाहट सिये,
आजीवन छटपटाहट, एक लम्हे का फैसला मात्र ।
२
जी का ना लगना
बेसब्री का सहारा मिलना
तमाम होना तमाम बातों का
३
जमाने को मैंने देखा इस तरह
आँखों में गिरी सूरज की किरणें
थोड़ी सी जली लेकिन
चमकदार हो गयी ।
४
जिसने एक बार
सफल होने की
नाकाम कोशिश की हो
उसके यहां
धूल फांकती है मोहब्बत ।
- रोहित
भावुक करती वेदनाओं से भरी डायरी। खाली पन्नों से झांकती उनकी तस्वीर,अधूरी सी तावीर...परेशान तो करेगी ही। शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteसुन्दर।
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति..हर बंध शानदार है तीसरा बंध मुझे बहुत पसंद आया।
ReplyDeleteअक्सर कुछ रह जाता है ...उन बचीं यादों को डायरियों में समेट लेना चाहिए.. डायरी जब तक नष्ट नहीं होगी तब तक वहां सारे एहसास सुकून से जिंदगी बसर करेंगे बहुत खूबसूरत लिखा आपने
ReplyDeleteअद्भुत प्रस्तुति 👌👌
ReplyDeleteहम जो हैं लबों में कुलबुलाहट सिये, आजीवन छटपटाहट, एक लम्हे का फैसला मात्र
ReplyDeleteहम्म्म्म। ..उसी कुलबुलाहट ने खुद को अब रचनाओं में BADAL लिया है इक सकारात्मक मस्तिष्क की यही पहचान होती हैं वो अपनी हर छटपटाहट को शब्दों में पिघला कर रचना में ढाल स्वर्णिम अनुभूति बना देता हैं
जमाने को मैंने देखा इस तरह
आँखों में गिरी सूरज की किरणें
थोड़ी सी जली लेकिन
चमकदार हो गयी ।
SEE THAT WHAT I MEANT
बधाई। ..डायरी के पन्ने सम्भले ना सम्भले डायरी का मिज़ाज़ संभाले रखियेगा
जिसने एक बार
ReplyDeleteसफल होने की
नाकाम कोशिश की हो
उसके यहां
धूल फांकती है मोहब्बत ।
Lazbaab
सुन्दर।
ReplyDeleteBeautiful thoughts and presentations...
ReplyDeleteअलहदा उपमाओं से सज्जित उम्दा प्रस्तुति।
ReplyDeleteबहुत गहन एहसासों का सृजन।
सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteIts a beautiful thoughts
ReplyDeleteमुहब्बत, धूल फांकेगी, बड़ा ही ख़ुश्क़ सपना है,
ReplyDeleteक्या मजनूँ की तरह, हमको भी, सहराओं में तपना है.
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ReplyDeleteप्रिय रोहितास , डायरी के पन्ने खुले तो , मधुर यादों की सुगंध में सराबोर
अनमोल मोती निकले !आपकी रचना के रूप में ये शानदार मुक्तक अपनी मिसाल आप हैं , तीसरे और चौथे के लिए तो वाह के अलावा कुछ नहीं .अपनी डायरी के पन्ने खोलते रहिये , मेरी हार्दिक शुभकामनायें आपके लिए
वाह ... क्या बात है इन पन्नों की ...
ReplyDeleteअलग मूड में डूब कर लिखी बातें ... तमाम को समेटता पन्ना ... फिर मुहब्सोबत की दास्ताँ ... सच में तमाम कर गया ... बहुत लाजवाब ...
वाह क्या कहने ... बेहद शानदार और धारदार जज्बातों से लबालब है सुंदर रचना
ReplyDeleteवाह बेहतरीन रचना भाव अनुपम
ReplyDeleteहम जो रहेंगे झुंझलाहट लिए,
ReplyDeleteहम जो हैं गुजरे लम्हों के ख़ाका मात्र,
हम जो हैं लबों में कुलबुलाहट सिये,
आजीवन छटपटाहट, एक लम्हे का फैसला मात्र ।
भई वाह क्या बात हैं।काफी दिनों से कुछ पढ नही पा रहा था आज कुछ अच्छा पढ़ना था तो आपके ब्लॉग पर आ गया।क्या पता था यहाँ यादों का पिटारा खुला हैं।
शब्दो का नया प्रयोग भी काबिले तारीफ हैं।
आभार
उसके यहां
धूल फांकती है मोहब्बत ।