(१)
महारावल री लुट रो ज्ञात हुयो
जद "जैसलमेर में गुंडा राज"
गोपा ने लोगां म' लिख बाँटी
प्रजा रे मन म' क्रोध जाग्यो
सोयो जैसल अब जाग्यो
जगां-जगां लोगां नै महारावल रो
बहिष्कार करयो।
महारावल नै जद पतो चल्यो
आ सारी करतुतां, ओ काम करयो है गोपा नै
आदेश दे दियो सैनिकां नै
पकड़ लायाओ उस गोपा नै।
जैसल सुं बाहर हा थे आपणों संघर्ष जारी राखण खातिर
पर आणों पडयो आप'न पिता रो पिंड दान करण खातिर।
या एक धोखे री मूरत ही
जद थे धोखे सूं पकड़या गया।
जुलम थे सहयो घणों
जुलम बो ढाहायो घणों
थाणेदार हो जुलमी गुमान बड़ो
गोपा नै हो आजादी रो मान बड़ो।
गोपा पे' यातना री खबरां
हर रोज़ छपती ही अखबारां म'
बसग्या गोपा जैसल री जबानां म'
जद भेज्यो गयो गोपा पर जुल्मां री
सच्ची बातां रो पतो लगावण नै
तो पेलां ही आतुर होग्यो गुमान बैरी
गोपा पर तेल छिड़क आग लगावण नै
गोपा न' जिन्दा जला दियो हो जेल म'
एक अमर शहीद ओर होयो आजादी रे खेल म'
पर आ कुंणसी खबर आई जेल सुं
गोपा खुद न जला लियो तेल सुं ??
सारो जैसल उमड़ पड्यो वीर बहादुर देखण नै
पर लोगां न' विश्वाश ना होयो ...
गोपा आत्म-हत्या कोनी कर सके है
इसमें गुमान री कोई चाल हो सके है,
कठ सुं आयो तेल जेळ म'?
कठ सुं आई माचिस जेळ म'?
सगळा ने जवाब चाईजै ...
इस कांड र' जाँचण री माँग हुई
तो पाठक ने सौंप्यो काम जाँचण रो
गुलाम हो पाठक,पाठक सुं आत्म-हत्या करार हुई।
उस रो बलिदान व्यर्थ ना गयो
बो सोई जनता री आँखयाँ खोल गयो
महारावल रे गुंडा राज रो अंत हुयो।
बो साच्चो हो
बो आजादी रो दीवानो हो।
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( २ )
किसकी गिरफ्त में हो तुम
एक अनबसी-सी है
लाखों आँखों का सपना हो
फिर भी ऐसी मुठ्ठी में कैद हो
जिसे कोई दूसरा नियंत्रित करता है
हम अभी संघर्ष में हैं
इंतजार तो करो
तुम्हें जल्द वहां से
आज़ाद करवायेंगे 'ऐ आज़ादी'
तुम्हारी ही बदौलत ये 'जवाहर'
कर्ज बाँटता हैं
कर वसूलता हैं
जुल्म करता हैं
हम तुम्हें इन हाथों से निकाल कर
सम्पूर्ण 'जैसल' में फैला देंगे
तुम किसी एक की जागीर तो नहीं ...
ऐ आज़ादी हम तेरे दीवाने हैं
तुम्हें कैद कैसे रख सकते हैं।
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(दोस्तों,
आज ही के दिन (4 अप्रैल 1946) श्री सागरमल गोपा जी अमर शहीद हो गये। बात उस समय की है जब जैसलमेर पर महारावल जवाहर सिंह का शासन हुआ करता था इसका शासन बड़ा ही निरंकुश और दमनात्मक था यहाँ तक की पत्र-पत्रिकाओं को पढ़ने और छापने पर रोक लगा रखी थी। तभी सागरमल गोपा जी ने "जैसलमेर में गुंडा राज" नामक पुस्तक प्रकाशित करा कर जनसाधारण में बाँट दी इस पुस्तक में महारावल के दमनात्मक शासन का वर्णन था। इससे जवाहर सिंह बहुत क्रोधित हुआ। सैनिकों द्वारा पिछा करने पर गोपा जी नागपुर चले गये। 1941 में जब सागरमल गोपा जी अपने पिता का पिण्ड दान करने के लिए वापस जैसलमेर आये तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया तथा 6 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई थी जेल में गुमान सिंह नामक थानेदार ने इन्हें अमानुषिक घोर यातनायें दी। जयनारायण व्यास ने पोलिटिकल एजेंट के माध्यम से सही जानकारी लेनी चाही। रेजीडेन्ट ने 6 अप्रैल 1946 को जैसलमेर जाने का कार्यक्रम बनाया। जब गुमान सिंह थानेदार को इसका पता चला तो उसने रेजीडेन्ट के जैसलमेर पहुँचने से पहले ही 3 अप्रैल के दिन गोपा जी पर तेल छिड़क कर आग के हवाले कर दिया और शहर में ये खबर फैला दी की गोपा जी ने आत्महत्या कर ली। गोपा जी से किसी को मिलने नहीं दिया और 4 अप्रैल को उनकी दर्दनाक मृत्यु हो गयी।
इस शहीद का रक्त व्यर्थ नहीं गया सारे शहर में "खून के बदले खून" के नारे लिख दिए गये।
इस मृत्यु की जाँच करने के लिए गोपलास्वरूप पाठक कमेटी का गठन किया गया लेकिन इस कमेटी ने सागरमल गोपा जी की हत्या को आत्म-हत्या साबित कर दिया। लेकिन राष्ट्रिय प्रेम की चिंगारी अब अग्नि का रूप ले चुकी थी।जैसलमेर में मीठालाल व्यास ने 1945 में ही प्रजामंडल की स्थापना की और 30 मार्च, 1949 को जैसलमेर वृहत राजस्थान में विलीन हो गया और महारावल जवाहर सिंह का दमनात्मक शासन का अंत हो गया।
सागरमल गोपा जी के सम्मान में भारतीय डाक विभाग ने 1986 में एक डाक टिकट जारी की )
-By
रोहित
शहीद श्री सागरमल गोपा जी के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं थी, आज ही जान पायी ।
ReplyDeleteउन्हें सादर नमन !
शहीद श्री सागरमल गोपा जी को हार्दिक श्रधान्जली.सुन्दर कविता और हर्थ्क आलेख.
ReplyDeleteपधारें.....
भूली-बिसरी यादें
वेब मीडिया
"ब्लॉग कलश"
"स्वस्थ जीवन: Healthy life"
शहीद श्री सागरमल गोपा जी को नमन,,,,जानकारी के लिए देने के लिये आभार,,,
ReplyDeleteRecent post : होली की हुडदंग कमेंट्स के संग
sagar mal gopa ji ke bare me aapse jana bahut achchhi tarah jana .unke shaheedi divas par unhe ham sabhi ka shat shat naman aur aabhar aapka ki aapne hame unse parichit karaya .
ReplyDeleteअमर शहीद सागरमल जी को नमन है ... ऐसे कितने ही वीर हैं जो आजके इतिहास में खो गए हैं ... उनका नामो-निशान भी नहीं लेती हैं सरकारें ...
ReplyDeleteशहीद श्री सागरमल गोपा जी के बारे में जानकारी देने के लिये आभार,,,
ReplyDeletesagarmal ji ko naman inke bare me jankari dene ke liye bahut bahut abhar aapka
ReplyDeleterachana
विनम्र नमन ...... बेहतरीन कवितायेँ
ReplyDeleteजानकारी देने के लिए आभार!
ReplyDeletegyan samvardhan hetu sadar abhar, sgarmal ji ki kotisah naman,
ReplyDeleteगोपामल जीकी पुण्य स्मृति को सादर नमन...सार्थक प्रस्तुति
ReplyDeleteखाली नहीं जाती गोपामल की शहादत .
ReplyDeletesadar naman, aapake maadhyam se janane kaa mauka milaa, abhaar.
ReplyDeleteRamram.
शहीद श्री सागरमल गोपा जी के विषय में जानकारी नहीं थी ये जानकारी देने के लिए हार्दिक आभार,उस वीर भारत माँ के लाल को नमन
ReplyDeleteप्राणों की आहुति दे कर सागरमल जी एक महान् कार्य संपन्न कर गए -उनकी स्मृति को प्रणाम !इस जानकारी के लिए आभार.
ReplyDeleteराजस्थान की धरती पर ऐसे अनगिनत शहीद हुए हैं जिनकी जानकारी राजस्थान से बाहर के लोगों को बहुत ही कम है और आपनें एक ऐसी ही जानकारी लोगों तक पहुंचानें का काम किया है !!
ReplyDeleteसुन्दर और सार्थक जानकारी !!
आभार !!
Deleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
--
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल (10 -04-2013) के
http://charchamanch.blogspot.in/
साहित्य खजाना पर भो होगी .आप अपनी अनमोल समीक्षा मंच पर जरूर कीजिये , स्वागत है आपका मंच पर
सूचनार्थ
सादर
शशि पुरवार
आजादी की लडाई में कई लोगों ने आहुति दी। जैसे साल गुजर रहे हैं वैसे आधुनिक समाज के दीमाग से उनकी यादें और योगदान धुंधला होने लगा है। यह बेवफाई है। वैसे देशभक्तों के पदचिन्ह भारतीय धरती पर अंकित है, किसी की यादें धुंधली हो जाए कोई फर्क नहीं पडता। drvtshinde.blogspot.com
ReplyDeleteनमन है ऐसे वीरों को...बहुत सुन्दर और प्रभावी प्रस्तुति..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज बुधवार (10-04-2013) के "साहित्य खजाना" (चर्चा मंच-1210) पर भी होगी! आपके अनमोल विचार दीजिये , मंच पर आपकी प्रतीक्षा है .
सूचनार्थ...सादर!
बढ़िया जानकारी के लिए शुक्रिया
ReplyDeleteलाजवाब ! सुन्दर पोस्ट लिखी आपने | पढ़ने पर आनंद की अनुभूति हुई | आभार |
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
आपके द्वारा देश के प्रति किया गया बलिदान आने वाली भारत की पीदियो क लिए सदेव मार्ग दर्शन करता रहेगा
ReplyDeleteदेश के लिए मर मिटने की भावना का संचार होगा
आप के द्वारा देश के लिए किया गया बलिदान भारत की आने वाली पीढियों का मार्ग दर्शन करता रहेगा
ReplyDeleteआने वाली पीढ़ी इस से प्रेरित होकर देश के लिए सदेव मर मिटने को तैयार रहेगी
#रोमियो पंवार जैसलमेर
सागरमल गोपा जी की माता का कही ज्रिक नहीं हैं कोई नाम बता सकता हैं कि उनकी माता का क्या नाम था ।
ReplyDeleteधन्यवाद है ऐसे-ऐसे वीरो को
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