जिससे अपनी पहचान हो, वही होती है दोस्ती,
जिन्दगी एक समुंदर की तरह है
डुबते हुऐ को तिनके का सहारा होती है दोस्ती,
गम अगर हो तो आधा समझो
खुशियाँ दुगुनी करने वाली होती है दोस्ती,
दुसरे देख कर जलते हों
ऐसी हो अपनी सच्ची दोस्ती,
हर बात कहने की जरूरत क्या
इसारा भी समझने वाली होती है दोस्ती,
मेरे मन की भड़ास किस पर निकालूँ
लो फिर से याद आई अपनी दोस्ती,
लाख छुपाये दुनिया से 'रोहित'
दोस्त के रहस्यों का खजाना होती है दोस्ती |
No comments:
Post a Comment