Saturday, 17 September 2011

अनजान नेताजी

ताज के हमले से नही संभले 
क्यों नही सम्भले ये नही जानना,नेताजी
दिल की दिल्ली के हमले से सम्भलना होगा आपको,

राजनीति से कोसों दूर है खेल 
खेलों में भी राजनीति खेल गये नेताजी
कितने घोटाले किये है बताना होगा आपको,

किसानो और जनता की दयनीय दशा देखो
दाम बड़ते चले गये क्यूँ ,नेताजी
पूछने वाला तो कोई होगा आपको

किसान जब अपनी पर उतर आये
अपनी मन मानी भूल जाओगे नेताजी
फिर मांग कर खाना होगा आपको,

जनता को आजमाना छोडिये 'रोहित'
की जनता की शक्ति का अंदाजा नहीं होगा आपको |

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