कौन भुला है वह खुनी मंजर
जो याद दिलाने फिर चले आये,
मुंबई के जख्म अभी भरे नही
की दिल्ली का दिल दहलाने फिर चले आये,
ओर कहीं तो चली नही
की लौट के भारत फिर चले आये,
नेता जी को भनक लगी की ब्लास्ट हुआ है दिल्ली में
की झूटी हमदर्दी दिखाने फिर चले आये,
सौचा था की देश के कुछ नाम लिखूं
आँखों में अस्क फिर चले आये,
इस देश से कहाँ चले गये वो 'रोहित'
भगत आजाद, की जरूरत है उनकी, फिर चले आये |
बहुत बढ़िया रोहितास जी
ReplyDeleteसादर
इस देश से कहाँ चले गये वो 'रोहित'
ReplyDeleteखोजो उन्हें
पकड़कर लाओ
उन ईमानदारों को
जो खाते हैं कमाकर
नहीं खाते वो
देश बेचकर
खुद्दार हैं वो
आज जरूरत है उनकी
इन्तजार है उनका
हमारे देश को
सादर