"मैं जीना चाहती हूँ"
चंद दरिंदों ने नोंच खाया जिसे,फिर भी
सरफिरी जाँ बपा थी ..बेजान बदन में।
शहरे-हवस में जीना हुस्ने-क़बूल तक़रीर उसका, शहर कोई
नया बसा लें वर्ना फिर किसी घटना घटने का डर है जह्न में।
"माँ मेरे साथ जो भी हुआ
किसी को मत बताना ...."
जी भी लेते इस तूफां को पार कर, फिर इसी
शहरे-बेहिस में कतरा-कतरा मरना पड़ेगा।
हजुमे-बेखबर ना रही फ़र्शे-ख़ाक पर, अब
फ़लके-नाइन्साफ़ को भी बदलना पड़ेगा।
बपा=उपस्थित. शहरे-हवस=वासना का शहर. हुस्ने-क़बूल =श्रद्धा से स्वीकृति. तक़रीर=बयान. शहरे-बेहिस=संवेदनाशून्य शहर. हजुमे-बेखबर=सूचनाहीन भीड़. फ़र्शे-ख़ाक=जमीन पर. फ़लके-नाइन्साफ़=अन्यायी आकाश.
वो लड़की जो चली गयी जाते जाते एक सवालिया निसान छोड़ गयी ..
हमारे समाज पर, हमारी पौरुस्ता पर।
उसकी आखरी इच्छा भी पूरी नहीं कर पाए "मैं जीना चाहती हूँ"
उसका दर्द, उसका हौसला, उसका जज्बा, उसकी चाह, उसका संघर्ष हम कभी नहीं भूलेंगे। उसका यूँ युवा शक्ति को जागृत करना, अधिकार और न्याय के लिए लड़ना सिखा जाना .. फिर होले से उसका रुख़्सत होना... उसकी इन अदाओं ने मुझे झकझोर दिया था ... मैं कुछ सोच नहीं पाता था, दिमाग सुन पड़ गया था। तो मैंने कुछ दिनों के लिए ब्लॉगिंग भी बंद कर दी थी। वो बैचेनी, वो दर्द शब्दों में बयाँ नहीं किया जा सकता।
Salute to the Brave Girl .... May our Hero rest in peace.
चंद दरिंदों ने नोंच खाया जिसे,फिर भी
सरफिरी जाँ बपा थी ..बेजान बदन में।
शहरे-हवस में जीना हुस्ने-क़बूल तक़रीर उसका, शहर कोई
नया बसा लें वर्ना फिर किसी घटना घटने का डर है जह्न में।
"माँ मेरे साथ जो भी हुआ
किसी को मत बताना ...."
जी भी लेते इस तूफां को पार कर, फिर इसी
शहरे-बेहिस में कतरा-कतरा मरना पड़ेगा।
हजुमे-बेखबर ना रही फ़र्शे-ख़ाक पर, अब
फ़लके-नाइन्साफ़ को भी बदलना पड़ेगा।
बपा=उपस्थित. शहरे-हवस=वासना का शहर. हुस्ने-क़बूल =श्रद्धा से स्वीकृति. तक़रीर=बयान. शहरे-बेहिस=संवेदनाशून्य शहर. हजुमे-बेखबर=सूचनाहीन भीड़. फ़र्शे-ख़ाक=जमीन पर. फ़लके-नाइन्साफ़=अन्यायी आकाश.
वो लड़की जो चली गयी जाते जाते एक सवालिया निसान छोड़ गयी ..
हमारे समाज पर, हमारी पौरुस्ता पर।
उसकी आखरी इच्छा भी पूरी नहीं कर पाए "मैं जीना चाहती हूँ"
उसका दर्द, उसका हौसला, उसका जज्बा, उसकी चाह, उसका संघर्ष हम कभी नहीं भूलेंगे। उसका यूँ युवा शक्ति को जागृत करना, अधिकार और न्याय के लिए लड़ना सिखा जाना .. फिर होले से उसका रुख़्सत होना... उसकी इन अदाओं ने मुझे झकझोर दिया था ... मैं कुछ सोच नहीं पाता था, दिमाग सुन पड़ गया था। तो मैंने कुछ दिनों के लिए ब्लॉगिंग भी बंद कर दी थी। वो बैचेनी, वो दर्द शब्दों में बयाँ नहीं किया जा सकता।
Salute to the Brave Girl .... May our Hero rest in peace.