पुरानी डायरी से कुछ पंक्तियाँ:
१
एक डायरी लिखने का शौक था
पन्ने दर पन्ने तुझे मुकम्मल करना था
तू जाती रही
सब जाता रहा
हम जो रहेंगे झुंझलाहट लिए,
हम जो हैं गुजरे लम्हों के ख़ाका मात्र,
हम जो हैं लबों में कुलबुलाहट सिये,
आजीवन छटपटाहट, एक लम्हे का फैसला मात्र ।
२
जी का ना लगना
बेसब्री का सहारा मिलना
तमाम होना तमाम बातों का
३
जमाने को मैंने देखा इस तरह
आँखों में गिरी सूरज की किरणें
थोड़ी सी जली लेकिन
चमकदार हो गयी ।
४
जिसने एक बार
सफल होने की
नाकाम कोशिश की हो
उसके यहां
धूल फांकती है मोहब्बत ।
- रोहित